डीजीपी प्रशांत कुमार ने साइबर क्राइम मुख्यालय द्वारा तैयार की गई उत्तर प्रदेश पुलिस की साइबर वेबसाइट cyberpolice.uppolice.gov.in को लॉन्च किया। इस नई साइबर वेबसाइट की माध्यम से एक क्लिक से पता चलेगा एक आईडी पर कितने मोबाइल चालू हैं और मोबाइल चोरी या गायब होते ही नम्बर भी ब्लॉक करा सकेंगे.
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उन्होंने बताया कि यह वेबसाइट आम जनता
और पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन प्लेटफार्म है, जो साइबर सुरक्षा से संबंधित जानकारी, संसाधन और सेवाएं प्रदान करती है। इसे
प्रदेश पुलिस की मुख्य वेबसाइट से भी जोड़ा गया है।
डीजीपी कुमार ने जानकारी दी कि सभी
जिलों में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन खोले गए हैं और हेल्पडेस्क भी स्थापित की गई
है।
उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम के
मामलों में बढ़ोतरी हो रही है,
और इनसे निपटने के लिए प्रशिक्षित
कर्मियों की आवश्यकता है। प्रदेश पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन और मानव बल है, जिससे साइबर क्राइम से प्रभावी ढंग से
निपटा जा सकता है।
यूपी पुलिस की साइबर वेबसाइट cyberpolice.uppolice.gov.in
से नागरिक कई सुविधाओं का फायदा उठा
सकते हैं। इस वेबसाइट पर एक क्लिक से नागरिक यह भी पता कर सकते हैं कि उनकी आईडी
पर कितने मोबाइल नम्बर चल रहे हैं। किसी ने उनकी आईडी पर सिम कार्ड जारी कराकर उससे
फर्जीवाड़ा तो नहीं कर रहा है, यह भी पता करना आसान हो गया है।
अगर किसी का मोबाइल चोरी अथवा खो जाता
है तो वह कुछ समय में ही इस वेबसाइट के जरिए अपने मोबाइल नम्बर को ब्लॉक करवा सकता
है।
साइबर ठगी का शिकार होने पर पीड़ित इस
लिंक पर शिकायत करने के साथ ही 1930
पर कॉल भी कर सकता है।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को
साइबर क्राइम मुख्यालय में यूपी पुलिस की इस साइबर वेबसाइट को लांच किया था। यह
वेबसाइट उत्तर प्रदेश पुलिस की वेबसाइट uppolice.gov.in से भी लिक है।
वेबसाइट का लिंक cyberpolice.uppolice.gov.in
है। इसके जरिए लोग वित्तीय अनियमितताओं
की शिकायत भी आरबीआई के पोर्टल पर सकता है।
इस अवसर पर डीजीपी मुख्यालय में कई
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
वेबसाइट पर उपलब्ध सुविधाएं
साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करना।
भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र की
वेबसाइट का लिंक।
साइबर अपराध शिकायत की स्थिति जानना।
खोए या चोरी हुए मोबाइल के नंबर को
ब्लॉक करना।
संदिग्ध और धोखाधड़ी वाली कॉल की
रिपोर्ट करना।
साइबर जागरूकता से संबंधित सामग्री
देखना।
वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत दर्ज
करना।
विदेश भेजने वाले वैध और अवैध भर्ती
एजेंटों की जानकारी प्राप्त करना।
विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म संबंधी
शिकायतों की सुविधा।
महाकुंभ से संबंधित जानकारी।
सभी 75 जिलों के साइबर नोडल अधिकारियों और
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशनों के प्रभारी निरीक्षकों के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
प्राप्त करना।
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