वर्ष 2022 में शुरू हुई अग्निपथ योजना के तहत तीनों सेनाओं में भर्ती हुए अग्निवीरों के पहले बैच को 2026 में कार्यमुक्त होना है। हालांकि, संभावना है कि अग्निवीरों का मौजूदा चार साल का कार्यकाल बढ़ाकर छह या आठ साल किया जा सकता है।
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रक्षा मंत्रालय अग्निपथ योजना को और
आकर्षक बनाने पर काम कर रहा है। अग्निवीरों का पहला बैच जून 2026 में कार्युक्त होना है, इसलिए योजना में बदलाव का निर्णय उससे
पहले होने की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यत: तीन मुद्दों पर विचार चल रहा
है। एक स्थाई होने वाले अग्निवीरों का प्रतिशत बढ़ाने पर। दूसरा, कार्यकाल बढ़ाने पर। तीसरा, कार्यमुक्त होने वाले अग्निवीरों के
लिए कुछ सुविधाएं उपलब्ध कराने पर।
हालांकि, स्थाई होने वाले अग्निवीरों की संख्या 25% से ज्यादा करने की संभावना नहीं है, क्योंकि ऐसा करने से भविष्य में पेंशन
का बोझ बढ़ जाएगा,
जिससे योजना शुरू करने का कोई लाभ नहीं होगा। केंद्र को तीनों सेनाओं से कार्यकाल
बढ़ाने पर अच्छा फीडबैक मिला है।
योग्य पेशेवरों की कमी का सामना करना पड़ेगा
नौसेना और वायुसेना में अग्निवीरों को
तकनीकी कार्य करना होता है।
चार साल में उन्हें कार्यमुक्त करने से
दोनों ही फोर्स में योग्य पेशेवरों की कमी हो जाएगी। वहीं, नियमित अंतराल पर अग्निवीरों को
सेवामुक्त करने से थल सेना के लिए भी प्रशिक्षण देने का कार्य बढ़ जाएगा।
ऐसे में अग्निवीरों का कार्यकाल छह या
आठ साल करने पर सहमति बन सकती है।
इसके अलावा कार्यमुक्त होने वाले
अग्निवीरों को चिकित्सा सुविधाएं और गैर पेंशनधारक सैनिकों की भांति कुछ अन्य
सुविधाएं भी दिए जाने की संभावना है।

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