केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में दी जाने वाली कर छूट और जरूरी सुविधाओं को नई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में भी शामिल कर लिया है। इसके लिए नए आयकर विधेयक-2025 (संख्याक 2) में जरूरी संशोधन शामिल किए गए हैं।
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इसके तहत अब यूपीएस में भी
सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली एकमुश्त राशि का 60% हिस्सा कर मुक्त होगा।
ये संशोधन वित्त वर्ष 2025-26 से लागू होंगे। यह बदलाव विशेष रूप से
उन केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू होगा, जो 30 सितंबर 2025 से पहले एनपीएस से यूपीएस में
स्थानांतरित होने का विकल्प चुनते हैं।
नए प्रावधान आयकर अधिनियम की धारा-10
(उपधारा 12ए,
12बी और 12एबी) में शामिल किए गए हैं।
इसके अलावा धारा 80सीसीडी में नई
उपधारा (6) भी जोड़ी गई है। कर विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से यूपीएस अपनाने
वाले कर्मचारियों को वही कर छूट मिलेगी, जो एनपीएस में पहले से उपलब्ध है।
इससे सेवानिवृत्ति के समय उन्हें अधिक
आर्थिक लाभ मिलेगा। यूपीएस को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया गया है।
सुपरएन्यूएशन के समय सदस्य को हर छह
माह की योग्य सेवा के लिए उनके मासिक वेतन (बेसिक पे + महंगाई भत्ता) का 10%
हिस्सा एकमुश्त राशि के रूप में मिलेगा। यह भी कर मुक्त होगा। यह भुगतान उसकी
सुनिश्चित मासिक पेंशन को कम नहीं करेगा।
सेवानिवृत्ति पर कर-मुक्त निकासी
यूपीएस में शामिल कर्मचारी
सेवानिवृत्ति,
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या
सुपरनैचुरेशन (निर्धारित उम्र पर रिटायरमेंट) के समय अपने पेंशन कोष का 60% तक
हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं। इस पर कोई आयकर नहीं देना होगा। यह व्यवस्था
एनपीएस में भी लागू है।
बाहर निकलना या खाता बंद करना
कोई कर्मचारी या नामांकित सेवानिवृत्ति
या सुपरएन्यूएशन से पहले यूपीएस से रकम निकालता है, तो पूरी राशि उसी वित्तीय वर्ष में आय
के रूप में मानी जाएगी और उस पर कर देय होगा।
जल्दी निकासी पर टैक्स
अगर कोई सदस्य सेवानिवृत्ति से पहले
यूपीएस खाता बंद करता है या योजना से बाहर निकलता है, तो निकाली गई पूरी राशि (ब्याज और
निवेश) पर पूरा टैक्स लगेगा।
पेंशन खरीदने के लिए राशि ट्रांसफर करना
सेवानिवृत्ति के समय अगर शेष राशि को
पेंशन प्लान खरीदने के लिए ‘पूल कॉर्पस‘ में डाला जाता है, तो कर नहीं लगेगा।
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